Sunday, December 30, 2012

ओ री चिरैया...श्रद्धांजलि "दामिनी"






ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे!

ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
अंधियारा हैं घना और लहू से सना

किरणों के तिनके अम्बर से चुन्न के
अंगना में फिर आजा रे

हमने तुझपे हजारो सितम हैं किए
हमने तुझपे जहान भर के ज़ुल्म किए
हमने सोचा नही
तू जो उड़ जायेगी
ये ज़मीन तेरे बिन सूनी रह जायेगी
किसके दम पे सजेगा मेरा अंगना

ओ री चिरैया, मेरी चिरैया
अंगना में फिर आजा रे

तेरे पंखों में सारे सितारे जडू
तेरी चुनर थनक सतरंगी बुनूं
तेरे काजल में मैं काली रैना भरू
तेरी मेहँदी में मैं कच्ची धूप मलू
तेरे नैनो सजा दू नया सपना

ओ री चिरैया, मेरी चिरैया
अंगना में फिर आजा रे

ओ री चिरैया
नन्ही सी चिड़िया
अंगना में फिर आजा रे
ओ री चिरैया

sketch © विजय कुमार
नज़्म  © सत्यमेव जयते

Saturday, December 29, 2012

वैसे , मरा कौन है ?

वैसे , मरा कौन है ? 
वो बच्ची , दामिनी , निर्भया तो नहीं मरी . निश्चिंत ही . वो तो सदा ही जीवित रहेंगी हमारे बीच , हमेशा ही . 
बल्कि 
मरे तो हम सब है , ये समाज है , ये देश है , यहाँ का कानून है , यहाँ की सरकार है , यहाँ का total system है , यहाँ की सोच मर गयी है . और तो और , यहाँ का सच्चा पुरुष ही मर गया है .

Friday, December 28, 2012

समाज

आओ मित्रो , कुछ बेहतर रचे , ताकि एक नया बदलाव समाज में आये . एक नयी सोच का जन्म हो . जीवन की गति को नए पंख चाहिए अब . प्रेम और मित्रता की शाश्वतता ही नए अंकुर को जन्म देंगी .

Wednesday, December 19, 2012

बलात्कार

मैंने कभी नहीं सुना या पढ़ा कि जानवर बलात्कार करते है. ये सब "शुभ" कार्य , सिर्फ हम इंसान ही करते है . शर्म आती है मुझे . क्या हम जानवरों से भी गए गुजरे है . हमारी मानसिकता कितनी घृणित हो चुकी है . हैरत की बात ये है की उत्तर भारत में ये ज्यादा हो रहे है . समस्या कुछ और है . एक total mental  overhaul की जरुरत है . 

Friday, December 7, 2012

मोहब्बत

मोहब्बत कुछ तुझमे ,कुछ मुझमे अब तलक है बाकी ....
दिल में तेरे और मेरे भी , आग अब तलक है बाकी ...
तुम कहते हो कि राख का ढेर है ;
मैं कहता हूँ कि थोडा सा कुरेदो ;
तुम पाओंगे कि इश्क की चिंगारियां अब तलक है बाकी ....!!

Monday, November 26, 2012

हिंदी ब्लॉगर और हिंदी फेसबूकिया

हिंदी ब्लॉगर और हिंदी फेसबूकिया , इस धरती को महान भारत देश की अमूल्य देन है . इन दोनों महान रूपों ने , मनोरंजन , ज्ञान और प्रेम के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया है . जिसे कभी भी कमतर करके नहीं आंका जा सकता है . और मुझे गर्व है की मैं इन दोनों रूपों में समाहित हूँ .  वैसे हिंदी ही क्यों , भारत की हर भाषा का योगदान इन दोनों रूपों में श्रेष्ठ है .. हर भाषा को नमन ... लेकिन हिंदी तो बात ही कुछ और है गुरु ....इसलिए मित्रो , सब मिलकर कहो .... भारत की जय . हिंदी की जय  और हिंदी ब्लॉगर और हिंदी फेसबूकिये की जय .  जय जय जय ......!!!

Friday, November 23, 2012

इश्क

जिस तरह से तेरा कुछ ,अब तलक मुझे में बाकी है ।
उसी ख्यालो -तसव्वुर में ;
मेरा भी कुछ , जरुर ; तुझमे बाकी होंगा ।
हाँ , ये अलग बात है की , 
इश्क हमेशा  जिंदा रहता है , 
और ; 
इश्क करने वाले  मर जाते है  -- जीते जी !!!

Wednesday, August 15, 2012

क्या वाकई हम आज़ाद है .... ?

क्या वाकई हम आज़ाद है .... ?
ऊपर बैठे क्रांतिकारी और देश को आज़ाद करानेवाले शहीद जरुर आज देश की गति देखकर रोते होंगे. और सोचते होंगे कि क्या उन्होंने इसी तरह के देश की कल्पना की थी ...जो आज के मौजूदा हाल में है .
जय हिंद जी .
विजय

स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाये



मेरे प्रिय दोस्तों ;
आप सभी को भारतीय स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाये .
आईये ;हम सब मिलकर देश को बेहतर बनाने की एक सच्ची कोशिश करे .
प्रणाम
विजय 

Saturday, August 11, 2012

तुम नहीं हो ...

अक्सर जब मुड़कर देखता हूँ तो पाता हूँ कि तुम नहीं हो ...
कही भी नहीं हो ...
बस तुम्हारा अहसास है ..

Wednesday, August 8, 2012

बिछड़ कर

मुझसे बिछड़ कर खुश रहते हो......
..................मेरी तरह तुम भी झूठे हो.....!!!!!

Friday, August 3, 2012

अन्ना हजारे

मैंने आज तक वोट नहीं डाला. मुझे राजनीति पसंद नहीं है . लेकिन अगर अन्ना हजारे की टीम राजनीति में आती है तो मैं जरुर वोट डालूँगा और उनकी जीत के लिए लोगो से कहूँगा भी .. बहुत बरसो के बाद भारत में एक अच्छी लीडरशिप नज़र आ रही है . देखते है .. तब तक  के लिए सिर्फ दुआ और आमीन    !!!

Wednesday, July 25, 2012

हिंदी

दोस्तों , मैं वैसे तो तेलुगुभाषी हूँ , लेकिन हिंदी में मेरे प्राण बसते है . मैं हिंदी बोलता हूँ, हिंदी पढता हूँ , और हिंदी लिखता हूँ. और मैं ये सोचता हूँ कि आज हिंदी साहित्य में मेरी और मेरी नज्मो की  कोई पहचान है तो वो सिर्फ हिंदी की वजह से ही है .. और हिंदी का ये अहसान मैं ताउम्र नहीं भूलूंगा . हिंदी को नमन. हिन्दिवासियो को नमन. भारत देश को नमन.

Friday, July 20, 2012

यकीन

और यकीन मानिए दोस्तों  कि आज भले ही भी कितना ही बुरा क्यों न हुआ हो और आज मन में कितनी ही कड़वाहट क्यों न हो, यह ज़िंदगी चलती रहती है और आनेवाला कल पक्का खुशगवार होगा

जियो जी भर के ......

मेरे प्रिय मित्रो ,

कल मैं शाम को बहुत उदास था, राजेश खन्ना की मृत्यु के कारण . मुझे याद है , इंजीनियरिंग के पढाई के वक़्त मैं उनकी फिल्मो के गाने गाता था. लेकिन आज आनंद चला गया . लेकिन आनंद जैसे किरदार कभी नहीं मरते ..हमारे दिलो में रहते है . मैंने कल उनकी फिल्मो के गाने अपने दोस्तों को सुनाकर उन्हें श्रधांजलि दी .

कल एक बात मुझे समझ में आई कि राजेश को किसी और कारण से ज्यादा उनके अकेलेपन ने मारा है .

दोस्तों , हम सब कहीं न कहीं अकेले होते है अपनी ज़िन्दगी में. और कभी कभी ये अकेलापन हमारे दिल और दिमाग में घर बना लेता है . और तब धीरे धीरे हमें हमारा ही अकेलापन मारने लगता है . राजेश के साथ यही हुआ.

आज मैं आपसे यही कहना चाहूँगा कि अकेलेपन को घर मत बनाने दे. अपने आपको किसी भी creative skills  में डुबो दे.. दुनिया आपकी है . जमीन आपकी है , आसमान आपका है . चाँद सूरज तारे और ये सुन्दर सी प्रकृति आपकी है .. बस अपने अकेलेपन को इन सब चीजो से भर दे , जो भगवान् में हमें दिया हुआ है . जीवन को भरपूर जिए .

जैसे कि राजेश खन्ना , आनंद फिल्म में कहते है कि ज़िन्दगी बड़ी होनी चाहिए , लम्बी नहीं .. मैं भी यही बात आप सभी से कहता हूँ. जियो जी  भर के .. खुशिया आपके आस पास ही है . आपके भीतर ही है.

प्रणाम
आपका सभी का
विजय

Thursday, July 19, 2012

मेरा नाम


.......और मैं अब भी उस बारिश का इन्तजार कर रहा हूँ.....धुंध के बादल अब वापस जाने लगे है ... सोचते रहता हूँ. कि ....कोई किसी आसमां से मेरा नाम तो लेकर पुकारे......

.......क्योंकि अब जीवन की  उदास राहे एक मरे हुए शरीर के बोझ को ढोते ढोते थक गयी है ...

.........पर एक  उम्मीद  है  कि कोई सूरज बनकर जरुर आयेंगा !

आमीन

Wednesday, July 18, 2012

तुम बहुत याद अओंगे काका .....!

ज़िन्दगी और मौत उपरवाले के हाथ है जहाँपनाह , जिसे ना आप बदल सकते है ना में . हम सब तो रंगमंच की कटपुतलिया हैं , जिसकी डोर उपरवाले के हाथ बंधी है . कब , कौन , कैसे उठेगा , यह कोई नहीं जानता...!   हा हा हा ....
बाबू मोशाय ....भले ही तुम कहो " I HATE TEARS " लेकिन आज मन में तुम्हारे लिये आंसू ही है ... तुम बहुत याद अओंगे काका .

Wednesday, July 11, 2012

प्यार

मेरे उम्र के कुछ दिन , कभी तुम्हारे साडी में अटके तो कभी तुम्हारी चुनरी में ....
कुछ राते इसी तरह से ; कभी तुम्हारे जिस्म में अटके तो कभी तुम्हारी साँसों में .....

मेरे ज़िन्दगी के लम्हे बेचारे बहुत छोटे थे.
वो अक्सर तुम्हारे होंठो पर ही रुक जाते थे.

फिर उन लम्हों के भी टुकड़े हुए हज़ार
वो हमारे सपनो में बिखर गए !

और फिर मोहब्बत के दरवेशो ने उन सपनो को बड़ी मेहनत से सहेजा . उन्हें बामुश्किल इबादत दी . और फिर अक्सर ही किसी बहती नदी के किनारे बिखेर दिए .
यूँ ही ज़िन्दगी के दास्तानों में हम नज़र आते है .. उन्ही सपनो को चुनते हुए.. अपने आंसुओ से सींचते हुए..

गर्मी के मौसम में साँसों से हवा देते हुए और सर्दियों में उन्ही साँसों से गर्माते हुए .
बारिशो में सपनो के साथ बहते हुए ..

कहानी बड़ी लम्बी है जानां ...

लेकिन मुझ में बड़ा हौसला है . कुछ खुदा का मेहर भी है

मैं हर रोज , अपनी बड़ी बेउम्मीद ज़िन्दगी से कुछ लम्हों में तुम्हारे लिए नज्मे बुनता हूँ और फिर उन्ही नज्मो के अक्षरों में तुझे तलाशता हूँ.

तुझे मेरा इकबाल करना होंगा इस हुनर के लिए जो दरवेशो ने मुझे बक्शी है ....मैं हर जन्म कुछ ऐसे ही गुजारना चाहता हूँ तेरे पलकों की छाँव में जहाँ तेरे हर अश्क में मेरी इस कहानी का अक्षर समाया हो .

हां , यही अब मेरी इल्तजा है .
और यही मेरा प्यार है तेरे लिये जानां !

हाँ !

Monday, July 9, 2012

साहिल

किसी साहिल पर मिलने का वादा करके तुम चली गयी थी .
बड़े जन्म बीत गये ...
मैं अब वही खड़ा हूँ. जहाँ तुम मुझे छोड़ गयी थी .
न वो साहिल मिला
और न ही तुम. ....!

Friday, June 29, 2012

प्रेमकथा

संसार की सबसे छोटी प्रेमकथा सिर्फ एक ही शब्द में कही जाती है और वो शब्द है ....... [ """""काश """"""" ]

Wednesday, June 27, 2012

आबोहवा

ज़माने की आबोहवा को लग गयी है नज़र
आजकल लोग यूँ ही बेवजह दुःख देते है ......!
...खुदा आज फिर तेरी ज़रूरत है .. आजा .....!!

Thursday, June 14, 2012

खुदा

चल आजा खुदा .
एक कौर नमक-रोटी खा ले ;
एक घूंट पानी पी ले .
पता नहीं कितने दिन हुए.... तुने खाया न होंगा .
मैं जानता हूँ न ,
तेरी दुनिया के बंदे तुझे चैन से जीने नहीं देते है !!!

Tuesday, June 12, 2012

अकेलापन

अकेलापन चुभता है किसी कैक्टस  की तरह
और डसता  है एक ज़हरीले  नाग की तरह भी ;
भीड़ की शोर मचाती हुई तन्हाईयाँ
मन को कोई सावन नहीं दिखलाती
अकेलापन अब जीवन का बन गया है पर्याय
मृत्यु ; क्या तुम भी इतनी ही दुखदायी होंगी ?

Monday, June 11, 2012

इश्क

.......तुम्हारा मेल दोस्ती की हद को छु गया
दोस्ती मोहब्बत की हद तक गई !
मोहब्बत इश्क की हद तक !
और इश्क जूनून की हद तक !

.......अमृता प्रीतम

Sunday, June 10, 2012

फ़ासले

न होते फ़ासलों के शहर में हम,
तो फिर मिलना बहुत आसान होता |

-सरशार सिद्दीकी

Saturday, June 9, 2012

नज़्म

एक नज़्म से दूसरी नज़्म के दरमियान मैं कई जन्म जी लेता हूँ ...
सच्ची ...
हर नज़्म मेरे लिये एक नयी प्रसव पीड़ा को लेकर आती है .
और जब वो नज़्म बनती है तो मैं ऐसे खुश होता हूँ , जैसे कोई माँ अपने नवजात बच्चे को देखकर होती होंगी ......किस्से कहानिया ....नज्मे और बाते .. सब कुछ दिल से लिखता हूँ .. और शायद इसीलिए एक संजीदिगी को देखता हूँ अपनी नज्मो में ....

एक पुरजोर कोशिश अहसासों को भरने के लिये करता हूँ ..........!

ईश्वर

ईश्वर जरुर एक स्त्री है ...वह इतना दयालु जो है .

Friday, June 8, 2012

जिंदगी

काश जिंदगी में एडिट आप्शन होता तो मैं अपने आपको और अपनी जिंदगी को कई बार एडिट कर चुका होता ... ... और कौन जाने कि एक सपनो से भरी बेहतर जिंदगी को जी पाता ... 

कौन जाने ....!

खुदा

अभी अभी खुदा से / खुद से बाते करते हुए लिखा .....!

थक गया खुदा मैं ,
तेरे सजदे में झुक झुक कर
या तो तुम दुनिया बदल दे,
या मुझे !
और अगर हो सके तो खुद को ही बदल डाल
कि तेरी दुनिया को अब लग गयी है नज़र ,
खुदा मेरे.

Wednesday, June 6, 2012

कलम

पाकिस्थान के एक शायर मजहर -उल - इस्लाम ने कभी लिखा था :

ऐ खुदा ! अदीबो के कहानियो और कलमो में
सच्चाई , अमन और मोहब्बत उतार !
ऐ खुदा ! लालटेन की रौशनी में लिखी हुई
इस दुआ को कबूल कर !

आईये दोस्तों , हम अपनी कलम में सिर्फ दोस्ती और प्यार का रंग भरे !

Sunday, May 20, 2012

यादे

कभी कभी यादे बहुत सताती है ......इतना ज्यादा कि
लगता है जिंदगी एक फैसला कर ही ले ...
या तो यादे या तो जिंदगी .....
क्योंकि जब यादे ;
याद आती है तो जीने की कोई वजह समझ नहीं आती ..

Friday, May 18, 2012

सपने

जीवन में अब बहुत कुछ की उम्मीद नहीं है ,पर हाँ ;
सपने है एक नयी बदलती दुनिया के , एक बेहतर और खूबसूरत दुनिया के ,
कविता के , अक्षरों के , अल्फाज के ध्वनि के ,
फूलो के , बादलों के, चाँद के ,
किताबो के , संगीत के ,
बस सपने ही सपने है और इन्ही सपने पर मेरी साँसे चल रही है ........

ज़िन्दगी

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो ;
न जाने किस गली में ज़िन्दगी की शाम हो जाए .....

----बशीर बद्र

Wednesday, May 9, 2012

बेटियाँ

दोस्तों . बेटियाँ अगर घर में हो तो घर की रौनक बढ जाती है . ये मैं जानता हूँ . मैं ये भी कहूँगा कि हम सब बेटियों को सिर्फ और सिर्फ प्यार दे , क्योंकि वो भी हमें सिर्फ और सिर्फ प्यार ही देती है .

चाँद

ये जो चाँद है न ,वो रात को निकलता है .....!!
वैसे तो चाँद हर रोज निकलता है , पर कभी कभी अमावस आ जाती है ......
और इस बार की अमावस अब खत्म नहीं होंगी कभी .....!

शुभप्रभात

शुभप्रभात मित्रों ;

खुदा आप सभी को जिंदगी की सारी बरकत दे.
ईश्वर आपको खुश रखे .
वाहे गुरु की कृपा हो आप पर.
और जीसस के आशिश बरसे आप सभी पर.

प्रणाम
विजय

लड़की

शुभप्रभात मित्रों;

जिस माँ ने जन्म दिया , वो भी एक लड़की ;
जिस बहन ने राखी बाँधी ,वो भी एक लड़की ;
जिस प्रेमिका से प्यार हुआ ,वो भी एक लड़की ;
जो पत्नी बनी ,वो भी एक लड़की ;
जो बहु बनकर भोजन देंगी , वो भी एक लड़की ;
फिर एक लड़की को जन्म न देकर इतने रूपों से क्यों वंचित रखना इंसान को ?
आईये प्रण करे कि , हम अपने आस पास लड़कियों की भ्रूण हत्या को रोकेंगे .

प्रणाम
विजय

जिंदगी

जिंदगी की अपनी एक राह होती है .. चलते चलते ही उम्र बीत जाती है .

Friday, April 27, 2012

अपेक्षा और उपेक्षा

अपेक्षा और उपेक्षा दोनों ही दुःख देते है .

जिंदगी

जिंदगी की खूबसूरती में शरीर का रोल नगण्य होता है . जिंदगी विचारों की ख़ूबसूरती से बनती है . जीवन जीने की कला से बनती है जिंदगी और मैं तो कम से कम इस जिंदगी को सलाम करता हूँ .

Wednesday, April 25, 2012

इंसान

जैसे उगते हुए सूरज को बार बार देखना ,जैसे कुछ अच्छी फिल्मो को कई बार देखना , जैसे प्रेमिका का चेहरा बार बार देखना ,जैसे सोते हुए बच्चे को लाड करना ,जैसे मनपसंद गानों को हज़ार बार सुनना , जैसे अपनी ही लिखी कविता को बार बार पढ़ना और नए अर्थ खोजना ....कुछ बाते जिंदगी बार repeat करो , फिर भी इंसान थकता नहीं है .. ...

Sunday, April 22, 2012

जीवन

मुझे ऐसा लगता है कि , हमें आगे की ओर बढना चाहिए . जीवन अपने आप में एक रहस्य है और उसने अपने भीतर बहुत कुछ छुपा रखा है . और पता नहीं जीवन में कब क्या शुभ घटित हो जाए.

धडकन

चाँद, मोहब्बत,सितारे और यादे बेहिसाब
कारवां कुछ ऐसा ही होता है रातो को...

कभी कभी एक धडकन रुक सी जाती है
थोड़ी देर के लिए.....!

प्रेम

प्रेम की व्यापकता बहुत बड़ी होती है , इतनी की उसमे जग समा जाए . और हर किसी के लिये प्रेम के मायने, आयाम, अनुभव और मतलब अलग लगा ही होते है .

जीवन

लेकिन तुमने मुड़कर एक बार भी नहीं देखा.....
ये हर किसी के जीवन में होता है न ....

जिंदगी

आज बड़ी देर तलक जग गया मैं ;
जिंदगी भी एक रतजगा बन गयी है !

गम के भी अपने फ़साने होते है - बेवजह ही !

अपना

किसी अपने को ढूंढ रही मेरी नज़र ;
अगर मैं अपना सा लगे तो देखे इधर !

जिंदगी

एक जिंदगी वो है , जो हम हकीक़त  में जीते है
और एक जिंदगी वो है , जो हम सपनो में जीते है .

सपने सिर्फ सपने ही बन कर रह जाते है .
हकीक़त सर चढ कर रुलाती है .

Friday, April 20, 2012

जीवन-एक रहस्य

मुझे ऐसा लगता है कि , हमें आगे की ओर बढना चाहिए . जीवन अपने आप में एक रहस्य है और उसने अपने भीतर  बहुत कुछ छुपा रखा है . और पता नहीं जीवन में कब क्या शुभ घटित हो जाए.

Tuesday, April 17, 2012

प्रेम


हम किसी से भी प्रेम करे वो प्रेम ईश्वर के प्रति अपने प्रेम का ही एक रूप होता है .

Sunday, April 15, 2012

नयी ज़िन्दगी

वक़्त तो वही करेंगा ,
जो हमारी ख्वाइश होंगी न !
तो आओ कुछ नया सपना देखे .
कुछ नए अहसासों को बोयें .
एक नयी ज़िन्दगी की धड़कन को जिये ..!!!

Saturday, April 14, 2012

जिंदगी के दिन

जिंदगी के दिन बस मिले सिर्फ चार !
दो उसे याद करने में गुजर गये ;
और दो उसे भूलने में निकल गये.....!

Thursday, April 12, 2012

खाली हाथ

सोचो साथ क्या ले जाओंगे ,
खाली हाथ आये थे ;
और खाली हाथ ही जाओंगे !!

Tuesday, April 10, 2012

प्रेम

दरअसल : असली प्रेम तो प्रेम में होना ही होता है, प्रेम में पढ़ना , प्रेम में गिरना , प्रेम करना इत्यादि सिर्फ उपरी सतह के प्रेम होते है . असली प्रेम तो बस प्रेम में होना , प्रेम ही हो जाना होता है .. ..प्रेम बस सिर्फ प्रेम !!

Friday, April 6, 2012

खुदा


तू भी खुदा , मैं भी खुदा ,
तेरा हुस्न खुदा , मेरा इश्क खुदा ;
तेरे संग दो पल की जिंदगी खुदा ;
और जब मौत आये तो वो भी खुदा !!!

Thursday, April 5, 2012

या दिल की सुनो दुनियावालो...!!


या दिल की सुनो दुनियावालो ; या मुझको अभी चुप रहने दो ...
मैं गम को खुशी कैसे कह दूं . जो कहते है , उनको कहने दो... !!!

मुझे ये गीत बहुत बहुत पसदं है , और अक्सर अकेले में खूब गाता हूँ . और अक्सर ही गाने के अंत में सिर्फ एक खामोशी रहती है और मेरी भीगी हुई आँखों में कुछ गमी के लम्हे !!!!



Wednesday, April 4, 2012

ईश्वर का निजाम


दोस्तों ,अक्सर हम शिकायत करते है की मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ , लेकिन कुछ समय बीत जाने के बाद लगता है की जो हुआ अच्छा ही हुआ , जो होता है अच्छे के लिए ही होता है . ईश्वर के बनाए हुए निजाम में थोड़ी देर के लिए लगता है की गलत हुआ है , लेकिन यही सही होता है ,जो कि कुछ देर के बाद पता चलता है . समय सब दर्दो की दवा है .. ...

Monday, April 2, 2012

इंसान और समय



इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता है , बल्कि समय खराब होता है .

और हम सब समय के मायाजाल में फंसकर एक दूसरे का और अपना जीवन दोनों ही खराब करते रहते है .

मुझे तो ये समझ नहीं आता है कि इतनी समझदारी रहने के बाद भी हम समय के चक्रवात में फंसते है ...... यही प्रभु का बिछाया हुआ स्वर्णिम मायाजाल होता है .

बस इतना ही कहूँगा कि , तनिक सनद रखो , जीवन में अच्छे के लिये जगह बनाओ .

Saturday, March 31, 2012

सोचता हूँ कि तुम्हारे मेरे ज़िन्दगी  में न होने से सिर्फ दुःख और खालीपन ही है ,पर ज़िन्दगी तो चल ही रही है  क्योंकि खुदा  के बनाए हुए इस निजाम में कभी भी कुछ भी नहीं रुकता है . ज़िन्दगी चलती ही रहती है .. यदि सोचना भी चाहे तो भी नहीं रूकती , सिवाय इसके कि उसके ख़त्म होने का समय आ जाये . और कभी कभी  ये भी सोचता हूँ कि खुदा की शायद यही रज़ा थी कि मैं तेरे बिना और तू मेरे बिना ही जिये . और एक दुसरे की यादो में तड़प कर जिये और मरे.... पर ज़िन्दगी का रंग भी चटक ही होता है ... क्योंकि जीना इसी का नाम है  ! पर आज फिर तेरी याद बहुत आ रही है !

Thursday, March 29, 2012

after all...जिंदगी दो दिन की है , एक दिन जानने में और एक दिन लड़ने में नहीं गुजार देनी चाहिए . कम से कम इश्क में तो ऐसा न करे......कौन जाने , कल न ये मिले और न ही ये पल......

Wednesday, March 28, 2012

ज़िन्दगी

उम्र के बहुत से बरस बीतने के बाद ये छोटी सी बात समझ में आई है कि, ज़िन्दगी सिर्फ साँसों से ही नहीं , बल्कि पैसो से भी चलती है . 

अफ़सोस सिर्फ इस बात का है कि , ज़िन्दगी  का बहुत सा अरसा पैसो की अहमियत को नहीं समझने में निकल गया . आज पैसो को छोड़कर बाकी सब कुछ है .


कभी कभी मन को भुलावा देता हूँ कि ये बाकी कुछ ही असली सम्पति है ......पर ये है एक सफ़ेद झूठ !!

Tuesday, March 27, 2012

अक्सर ...!!


अक्सर साल गुजर जाते है ;
और पता भी नहीं चलता ....
लेकिन कोई कोई दिन ऐसा आता है कि ;
ज़िन्दगी फिर बरसो के लिए ठहर जाती है ...!
.....
कोई सड़क ...
कोई मोड़ ......
कोई छूटता हुआ हाथ ....
कोई नयी कहानी ..
........


कमबख्त मोहब्बत  न होती तो ही अच्छा था !!
ज़िन्दगी के दरख्तों में उम्र के पलो  को मिलते हुए तो देख लेता !!!

Monday, March 26, 2012

बस यूँ ही.......

बस यूँ ही.......
कभी कभी ...
सोचता हूँ.......
और अपनी सोच को शब्दों में ढालता हूँ....
और शब्द ही यहाँ  मेरे मौन का परिचय है !!!